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कुछ प्राउड होता कि यह पूरा समाज हमारे पुरखों के बूते ऐश कर रहा है। मैं कह सकता कि मेरे
पुरखों ने मैला उठाया समाज की गंदगी साफ की। हमारी महिलाओं के पास वे तमाम रहस्य कैद
है
ं जो इन ऊँची जातियों को नंगा कर सकते हैं। उनकी महिलाओं को भी और उनके पुरुषों को
भी। यादव होने में कैसा गर्व? क्या इसलिए कि हमारी जाति आज यूपी की एक लुटेरी, अपराधी
और बेहया किस्म की जाति है। क्या इसलिए कि हमारी जाति में कोई भी व्यक्ति ऐसा नहीं
निकला जिसने कुछ ऐेसे काम किए हैं जिस पर पूरा देश गर्व कर सके। फिर किसी जाति विशेष
में पैदा होने मेें गर्व क्या है? हम तो इसलिए पैदा हो गए कि हमारे बाप और मां यौन इच्छा से
मिल गए और हम पैदा हो गए। तो भैया जाति पर तो गर्व नहीं करो।July 18 at 11:57am · · 10
Sudhir Boudh Dr Baba Saheb Ambedkar ne yehi bat
samjhane ke liye manusmrit jalayi thi. Baba ke is
kam ko Aprox 80 years ho gaye. lekin ye mulnivasi
itni gahari nind me soye huye hai ki ve log jag ne ki
kosis bhi nahi karte. jagte hai aur karvat badal kar
fir se sojate hai. Fir bhi lage raho Karan kumar.sayad
vo subaha kabhi to aayegi. I wish to you for this
better job. May Buddha Bless you
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