तथागत गौतम बुद्ध का यह कहना था की, हम हमारे जीवन का ज्यादा वक़्त भूतकाल या भविष्यकाल का बाते सोचने में व्यतीत कर देते है. अगर हम वर्तमान में जीकर अपने काम पर ध्यान दे तो उसमे सफलता निश्चित है. जरा सोचिये जब हम पढाई या कोई अन्य काम करते है तब हमारे मन में क्या इधर उधर की बाते नहीं आती? क्या हम पूरी तरह उस काम में एकाग्रः होते है? अगर हम तथागत गौतम बुद्ध के बताये मार्ग पर चलकर वर्तमान में जीकर सिर्फ और सिर्फ उस काम पर ध्यान दे तो क्या हमें सफलता नहीं मिल सकती?
जयभिम, जयबुद्ध, जयभारत!!!
जयभिम, जयबुद्ध, जयभारत!!!
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