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Tuesday, June 5, 2012

सन अप्रैल १९७७ में जब दिल्ली के करोलबाग में रहकर मान्यवर कांशीरामजी डॉ. बाबासाहब आंबेडकर के मिशन को आगे बढ़ा रहे थे तब उन्हें दिल्ली विश्वविद्यालय की एक २१ वर्षीय छात्रा के डॉ. आंबेडकर के आंदोलन पर दिये हुए भाषण ने बहुत ही प्रभावित किया. अनुसूचित जाति के अधिकारों व सम्मान की लड़ाई की सोच वाली एक ऐसी युवा थी जिसे मान्यवर कांशीरामजी के आन्दोलन के लिए धार मिली, यही युवा छात्रा को आज देश के करोड़ो बहुजन समाजे के लोग बहन मायावती कहते है.. फोटो में बहन मायावती अपने आक्रमक अंदाज में बाबासाहब के आंदोलन पर भाषण देती हुई.. और बाजू में मान्यवर कांशीरामजी गंभीर मुद्रा में बहन मायावती के भाषण के उपर सोच-विचार करते हुए..


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