SUKH PAL DHINGAN

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Saturday, December 17, 2011

सोचता हूँ लिखू या न लिखू हम हिन्दुओ और बाल्मीकि भगतो के जाल में फंसे हुए हैं किसी की मौत पर कुछ बोले तो लोग मुझे नासमझ घमंडी और जाति छुपाने का आरोप लग जायेगा////एक सच्ची घटना मेरे एक मित्र की 20  साल की लड़की बीमारी से मर गई १० लाख रूपये खर्च हो गए////अब बारी आई रीती रिवाज़ और समाज की//// किर्या के बाद तीसरे दिन अस्थि और राख को हरिद्वार गंगा में डालना 5000 रूपये खर्च हो गए/// मरनेवाली लड़की की बड़ी बहन को डिप्रेशन से भुत भूतनी आगया////अब बाल्मीकि भगत का डरामा शुरू वो जोर जोर  से चिल्लाने लगा ताकि सरे गली वाले भी सुन लें उसके शब्द "हरामजाती तू आई कैसे" में तेरी माँ  को........दूंगा" "तुझे में ले कर जाऊंगा तेरे से पैर दबवाऊंगा" सब गली के लोग ये सुन कर डर गए उन्होंने सोचा मरनेवाली लड़की भुत बनकर आ गयी////कई भगत आ गए डरावनी आवाज   में देवता आ गए लड़की को छुरी से डराया गया नाम बता? क्यों आई? जाने का क्या लेगी? तंग आकर लड़की ने कहा मेरा नाम रानी है एक को ले गई दूसरी को भी ले जाउंगी "किसने भेजा और क्यों भेजा" सुरेश ने भेजा इस घर को बर्बाद करने के लिए "कहा से आई है?" मेरठ से" सीमा बाल्मीकि और सुरेंदर बाल्मीकि ने भेजा है" भगत ने लड़की के हाथ में लोंग चुभा दी "मुझे मुक्त करदो दोबारा नहीं आउंगी" भगत सूअर बकरा और मुर्गे की भेट  दे देना////लड़की ठीक हो जाएगी/////११ वे दिन भुत घर से निकल जाये पंडित से हवन कराया///पंडित की लिस्ट १ मीटर लाल कपडा  25 गेंदे की माला, 5  तरह के फल, 5 तरह की मिठाई, 20  पान, 500  ग्राम ७ तरह की दाल (तीन किलो 500 ग्राम दाल) 500 चावल हवन की लकड़ी, सिंदूर, अगर बत्ती, धुप बत्ती, केसर, कपूर, केवड़ा जल, गुलाब जल////हवन के बाद आरती की थाली घुमाई सबने १०-१० रूपये डाले वो २००-३०० पंडित ने अपनी जेब में रखे////दोसो इक्यावन रूपये दक्षिणा के पंडित ने लिए/////जो सामान पंडित ने मंगवाया था उसमे से चुटकी चुटकी इस्तेमाल किया बाकि सारा बचा हुआ सामान एक बड़े बेग में रख कर ले गया//// हम कब तक इस तरह लुटते पिटते रहेंगे 

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