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Saturday, July 28, 2012

वाल्मीकि मूलनिवासी नहीं था ; वोह विदेशी बामन था




वाल्मीकि मूलनिवासी नहीं था ; वोह विदेशी बामन था .

वाल्मीकि यह बामन पुष्यमित्र शुंगा ( रामायण का "राम " ) के दरबार में राजकवि था . उसने 

पुष्यमित्र को खुश करने के लिए , उसपर "रामायण " लिखा था . वाल्मीकि ने खुद रामायण में 

लिखा है की , वोह कोई ऐरे गिरे की संतान नहीं है ....वोह तो DIRECT ब्रह्मा का दसवा पुत्र है ; 

मतलब वोह असली बामन है . पंजाब के चुडा जाती के लोग डॉ . बाबासाहेब आंबेडकर के 

आन्दोलन में शामिल हो रहे थे ...उनको DIVERT करने के लिए , गाँधी और RSS के बामनो ने 

चुडा जाती के लोगो को कहा , की तुम नीच जाती के नहीं बल्कि DIRECT वाल्मीकि के जाती के 

हो , जो पहले ऋषि था .....चुडा लोग बामनो के इस ज़मेले में फंस गए और खुद को वाल्मीकि 

कहने लगे ......ab inko बामनो के इस ज़मेले से बाहर निकालो ....

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