SUKH PAL DHINGAN

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Wednesday, June 20, 2012

source shri kant


रही बात डोम , डोमार, खरवार, अगरिया, बधिक, बदी, बहेलिया, बैगा, बैसवार, बजनिया, बैगी, बलाहर, बलाई, भंगी (वाल्मीकि), बंगाली, बनमानुस, बांसफोड़ , बरवार, बसोर, बावरिया, बेलदार,बेरिया, भान्तु, भुइया , भुइयार, बोरिया, चमार, चेरो, दबगर, धनगर, धानुक, धारकर, धोबी,दुसाद, घरामी, घासिया, गोंड, हबुरा, हारी,हेला, कलाबाज़,कंजर, कपारिया, करवाल, खैरहा, खरवार , बेन्बासी, खाटीक, खारोट, कोल, कोरी , कोरवा, लालबेगी ( मुस्लिम भंगी ), मझवार, मज़हबी ( और एक भंगी समुदाय ), मुसाहर, नट, पंखा, परहिया, पासी , पटारी, रावत, सहरिया, सनौरहिया, सांसी, शिल्पकार, तुरैहा-
इन उत्तर प्रदेश में पाई जाने वाली अनुसूचित जातियों के 'बाप' की बात - तो हमारा और अपना कीमती समय बचाने के लिए मैं Rakesh कुमार -से निवेदन करूँगा के वे अपने इस ग्रुप के फिछले पोस्ट पढ़ ले जिस मैं इस बातों पर बदी स्पस्ट ता से प्रकाश डाला गया है । सिर्फ इन जातियों का नहीं तो सारे भारत में पी जाने वाली ब्रह्मनेत्तर जातियों के बाप -दादा -पुरखों पर जानकारी बहूत बार दी जा चुकी है । वोह पहले पढ़ ले -क्यों की वह उपलब्द है ।

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