बाबा साहिब जीवन कविता है//इस विच घटनावा ने//घटनावा विच हकीक़त है///
घटनावा घोर सजावा ने......सदियां da दर्द समोया है, होक्या दिया गर्म हवावा ने///
"सहजल " sada देश chroond laya, एना जात मजब दे कावन ने... Sade हंजू कट्ठे करे कोई///
तन भर जाना दरियावा ने, जो कर सके han देश लइ, मेरे लोका दिया दुआवा ने...
Maade नु किसे उठाया नहीं, बड़ा जोर रहा bhalwaana da, जे जीवन sedh नहीं dindi,
की लाभ धर्म अस्थाना da...Jehra किस्मत वाज सिखोंदा है, ओ धरम है beimaana da,
नही अपने ghara ते रेहन देना, असी कब्जा hun मेहमाना da...भीम राव ने लालच नहीं दित्ता,
Jayedaada ate मकाना da, दुनिया ते झंडा झुल्दा है, बाबा साहिब तेरिया शाना da...
कोई धन दी चिंता करदा है, कोई नामदी चिंता करदा है, कोई सवेर नु lai के chintat है,
कोई शाम di चिंता करदा है ... "सहजल" कोई मौत तो darda, तीर्थ धाम di चिंता करदा है,
बाबा साहिब आखरी वेले वी, अवाम Di चिंता करदा है, जिंदगी de अंतिम palan तक,
बाबा साहिब नु इक्को ख्याल रहा, ओ मेरे लोका da की होवेगा, EH prasahn उना de नाल रहा...
जे अपना ही dhid भरना है, dhid पशु -जानोर वी bharde ने, अपने लइ टूट टूट मरना है,
सब अपने लइ ही मरदे ने... दुनिया विच नाम उन da है, जो आग दी दरिया tarde ने,
Jug Pursh कहोंदे ओ "सहजल" जो कहंदे ने ओ करदे ने ... Takde नु सलामा hundiya ने,
सब takdya da दम bharde ने, उना हक parapat की करने, जो हक मांगन तो darde ने ...
जे भारत रतन आंबेडकर जी, तेरी सोच नु सिजदा करदे han Jehra हाले तक अधुरा है,
उस मिशन di haami bharde han मिटटी नाल मिटटी hundi रहे, इतिहास गवाही dinda है,
Horan di खातिर मरदे han, दस्सो कोई saatho क्यों डरे ? Ja bachde han, na bad de han.
"Sehjal" कमजोरी इक्को है, बस इक hon तो darde han, बस इक hon तो darde han,
कोई धन दी चिंता करदा है, कोई नामदी चिंता करदा है, कोई सवेर नु lai के chintat है,
कोई शाम di चिंता करदा है ... "सहजल" कोई मौत तो darda, तीर्थ धाम di चिंता करदा है,
बाबा साहिब आखरी वेले वी, अवाम Di चिंता करदा है, जिंदगी de अंतिम palan तक,
बाबा साहिब नु इक्को ख्याल रहा, ओ मेरे लोका da की होवेगा, EH prasahn उना de नाल रहा...
जे अपना ही dhid भरना है, dhid पशु -जानोर वी bharde ने, अपने लइ टूट टूट मरना है,
सब अपने लइ ही मरदे ने... दुनिया विच नाम उन da है, जो आग दी दरिया tarde ने,
Jug Pursh कहोंदे ओ "सहजल" जो कहंदे ने ओ करदे ने ... Takde नु सलामा hundiya ने,
सब takdya da दम bharde ने, उना हक parapat की करने, जो हक मांगन तो darde ने ...
जे भारत रतन आंबेडकर जी, तेरी सोच नु सिजदा करदे han Jehra हाले तक अधुरा है,
उस मिशन di haami bharde han मिटटी नाल मिटटी hundi रहे, इतिहास गवाही dinda है,
Horan di खातिर मरदे han, दस्सो कोई saatho क्यों डरे ? Ja bachde han, na bad de han.
"Sehjal" कमजोरी इक्को है, बस इक hon तो darde han, बस इक hon तो darde han,
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