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Sunday, April 8, 2012

साउथ इंडियन बहुजन/दलितों का दर्द

08/04/12 को 20 से 25 वर्ष के साउथ इंडियन बहुजन/दलितों का दर्द देख कर मुझे बहुत दुःख हुआ 15 फुट लम्बा और भवन निर्माण में प्रयोग होने वाले सरिये जितना मोटा स्टील का तिरसुल दोनों गालोँ को फाडकर मुह में दबा कर कुर्सी पर बैठ कर दर्द को छुपाने का झुटा प्रयास कर रहे थे जबकि मुझे उनका दर्द साफ़ दिख रहा था///कुछ युवक तिरसुल निकलने के बाद दर्द से छटपटा रहे थे और राख जख्म पर भर रहे थे///अन्धविश्वास है ये, वो सोचते है अगर तिरशूल गालोँ में नहीं डाला तो उनकी देवी नाराज हो जाएगी///न जाने कब तक मनुवाद की गुलामी की जंजीरों में जकड़ा रहेगा हमारा मूलनिवासी///जय भीम

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