आप कहेंगे में ज्यादातर वोट ही मांगता हूँ///ये लेख बी एस पी के कार्यकर्ता की हैसीयत से नहीं लिख रहा हूँ////अब भी वोट पर ही लिख रहा हूँ क्योंकि जिस दिन बाल्मीकी समाज को वोट की कीमत समझ आ गई उसी दिन से उसकी सारी समस्याओं का समाधान हो जायेगा////जब बाबा साहेब वोट का अधिकार दे रहे थे तब मनुवादियों ने बाबा साहेब आंबेडकर को सुझाव दिए की वोट का अधिकार शिक्षित को ही दिया जाये लेकिन बाबा साहेब ने उनकी एक नहीं मानी गरीब अनपढ़ और शिक्षित अमीर एक बराबर दर्जा दिया और बाबा साहेब ने सोचा ki एक दिन मेरा समाज (vote) इसकी कीमत समझेगा और अपनी बिगड़ी अपने आप बना लेगा////चमार भाई और महार भाई ने वोट की ताकत को समझ कर अपनी बिगड़ी बना ली///लेकिन बड़े दुःख के साथ लिख रहा हूँ बाल्मीकि समाज वोट की कीमत को आज भी नहीं समझा///कांग्रेस बाल्मीकि समाज का वोट (granted)ग्रांटेड अर्थात जेब में समझती है और उसको ये भी पता है की ये बिना मांगे और बिना कुछ काम के हाथ का बटन दबा देंगे///कांग्रेस को ये भी पता है बाल्मीकि फ्री में भी कांग्रेस को ही वोट देते हैं///मेने बहुत बाल्मीकि लोगों को ये कहते हुए सुना है जिसका नमक खाया है उसी को वोट देंगे जबकि कांग्रेस ने हमें कभी नमक नहीं खिलाया////नमक तो दूर की बात आमिर के घर में २४ घंटे साफ़ पिने का पानी देती है कांग्रेस और बाल्मीकि बस्ती में पानी की बूंद के लिए तरसते है बाल्मीकि लोग ६४ वर्ष में बस थोडा बदलाव आया है वो बदलाव भी ज्यादा काम का नहीं है///बदलाव ये है की कुछ बाल्मीकि बीजेपी को वोट देने लगे है////बाल्मीकि समाज में एक ऐसे व्यक्ति की जरूरत है जो फतवा जारी कर दे की इस बार सारे भारत के बाल्मीकि किसी एक पार्टी को वोट कर दो ///अगर हम ये कर लें तो सब राजनितिक दल हमारी बिगड़ी बनाने की जरुर सोचेंगे////जय भीम
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