Shri Kant कल-परसों एक हिन्दू आतंकवादी साधुनी की तस्वीर पोस्ट की गयी थी इस ग्रुप में - जिसका स्पष्टीकरण मैंने दिया था | उसी साध्वी और उसके ब्रह्मण आतंकवादी साथियों ने मालेगांव, अजमेर शरीफ तथा हैदराबाद के इक मस्जिद में बम विस्फोट किये थे .........
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Shri Kant इसी प्रज्ञा सिंग और उसके ब्रह्मण आतंकवादी साथियों को पकड़ने का काम -एक हेमंत करकरे नाम की कर्मठ पुलिस अधिकारी -जो के मुंबई एंटी- टेररिस्ट स्क्वाड के चीफ थे , उन्होंने किया था | जब करकरे जी और उनके सहकर्मी यों ने प्रज्ञा सिंग के आश्रम के ऊपर छापा डाला तो उनके हाथ - RSS और साथी संगठन की सारे भारत में मुसलमानों का नाम ले कर विनाशक कार्यवाही करने की यो ना के मीटिंग की विडियो टेप हाथ लग गयी !
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Shri Kant ये टेप आज भी न्यायालय के पास है | जैसे ही ये भांडा फूट गया हेमंत करकरे के ऊपर चारो तरफ से दबाव पड़ना शुरू हो गया| लेकिन उन्होंने दबाव में आने से मना कर दिया - तो इन हिंदुत्ववादी आतंकवादियों के परदे के पीछे के मलिकोने एक सोची समझी योजना बनाई |........
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Shri Kant यह योजना ऐसी बनाई गयी के साप भी मर जाये और लाठी भी न टूटे ! करकरे को भी मार डाला और सारे ज़माने की नज़र जो हिन्दू- ब्रह्मण आतंकवाद पर टिकी थी उसे बखूबी दोबारा मुस्लिम आतंकवाद पर केन्द्रित कर दिया !
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Shri Kant रहा सवाल २६/११ को ही क्यों चुना ! तो सचिन मेरे भाई राष्ट्रपिता जोतिबा फुले -ब्राह्मणों को कलम कसाई कहा करते थे ! और बाबासाहेब कहा करते थे के ब्रह्मण के एक दिमाग में असंख्य दिमाग होते है ! संविधान जो बाबा ने लिखा है वोह किल है ब्रह्मण रूपी प्रेत के छाती में गडा हूवा ! हमारे लोगोने पिछले चंद सालों से संविधान दिवस मानना शुरू किया था और बाकी के SC ,ST , OBC और धार्मिक अल्पसंख्यांक लोगो में जा जा कर उनकी हक और अधिकार बताना शुरू किया था ! लोग संविधान के प्रति जागरूक हो रहे थे ! तो किसी बात को दबाने का इससे बढ़िया तरीका क्या हो सकता है ?
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Shri Kant ऐसी ही घिनौनी हरकत उन आर एस एस ने ६ दिसंबर १९९२ को बाबरी मस्जिद गिरा कर की थी | उन्होंने जान बुझ कर बाबरी मस्जिद गिराने के लिए ६ दिसंबर का दिन ही मुक़र्रर किया जिस दिन बाबासाहब अम्बेडकरजी का महापरिनिर्वाण हुवा था |
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Shri Kant इसी प्रज्ञा सिंग और उसके ब्रह्मण आतंकवादी साथियों को पकड़ने का काम -एक हेमंत करकरे नाम की कर्मठ पुलिस अधिकारी -जो के मुंबई एंटी- टेररिस्ट स्क्वाड के चीफ थे , उन्होंने किया था | जब करकरे जी और उनके सहकर्मी यों ने प्रज्ञा सिंग के आश्रम के ऊपर छापा डाला तो उनके हाथ - RSS और साथी संगठन की सारे भारत में मुसलमानों का नाम ले कर विनाशक कार्यवाही करने की यो ना के मीटिंग की विडियो टेप हाथ लग गयी !
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Shri Kant ये टेप आज भी न्यायालय के पास है | जैसे ही ये भांडा फूट गया हेमंत करकरे के ऊपर चारो तरफ से दबाव पड़ना शुरू हो गया| लेकिन उन्होंने दबाव में आने से मना कर दिया - तो इन हिंदुत्ववादी आतंकवादियों के परदे के पीछे के मलिकोने एक सोची समझी योजना बनाई |........
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Shri Kant यह योजना ऐसी बनाई गयी के साप भी मर जाये और लाठी भी न टूटे ! करकरे को भी मार डाला और सारे ज़माने की नज़र जो हिन्दू- ब्रह्मण आतंकवाद पर टिकी थी उसे बखूबी दोबारा मुस्लिम आतंकवाद पर केन्द्रित कर दिया !
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Shri Kant रहा सवाल २६/११ को ही क्यों चुना ! तो सचिन मेरे भाई राष्ट्रपिता जोतिबा फुले -ब्राह्मणों को कलम कसाई कहा करते थे ! और बाबासाहेब कहा करते थे के ब्रह्मण के एक दिमाग में असंख्य दिमाग होते है ! संविधान जो बाबा ने लिखा है वोह किल है ब्रह्मण रूपी प्रेत के छाती में गडा हूवा ! हमारे लोगोने पिछले चंद सालों से संविधान दिवस मानना शुरू किया था और बाकी के SC ,ST , OBC और धार्मिक अल्पसंख्यांक लोगो में जा जा कर उनकी हक और अधिकार बताना शुरू किया था ! लोग संविधान के प्रति जागरूक हो रहे थे ! तो किसी बात को दबाने का इससे बढ़िया तरीका क्या हो सकता है ?
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Shri Kant ऐसी ही घिनौनी हरकत उन आर एस एस ने ६ दिसंबर १९९२ को बाबरी मस्जिद गिरा कर की थी | उन्होंने जान बुझ कर बाबरी मस्जिद गिराने के लिए ६ दिसंबर का दिन ही मुक़र्रर किया जिस दिन बाबासाहब अम्बेडकरजी का महापरिनिर्वाण हुवा था |
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