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Saturday, October 29, 2011

GREAT PERIYAR JI

नास्तिकता  मनुष्य  के  लिए  कोई  सरल  स्तिथि  नहीं  है  कोई  भी  मुर्ख  अपने  आप  को  आस्तिक  कह  सकता  है, इश्वर  की  सत्ता  स्वीकार  करने  के  लिए  किसी  बुद्धिमता  की  जरुरत  नहीं  पड़ती, लेकिन  नास्तिकता  के लिए  बड़े  साहस  और  दिरिढ़ विश्वाश  की  जरुरत  पड़ती  है, यह  स्तिति  उन्ही  लोगो  के  लिए  संभव  है  जिनके  पास  तर्क  तथा  बुद्धि  की  शक्ति  हो ...पेरियार  राम  स्वामी  नेयकर  जी

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