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Friday, October 21, 2011

राहुल पगारे के अंग्रेजी article का हिंदी अनुवाद=ब्राम्हण मक्कार कौम है इसने जातिवाद में किसी को भी नहीं बक्सा///////शुद्र और छत्रिय एक ही कोम हैं////ब्रह्मण ने महाराष्ट्र के शुद्र+छत्रिय को मराठा नाम दे दिया/////हिंदी भाषी राज्यों के शुद्र+छत्रिय को राजपूत नाम दे दिया////// ब्रह्मण की चालाकी देखिये महाराष्ट्र में भी उसकी कौम का नाम ब्राम्हण है>>>
ब्रह्मण की चालाकी देखिये हिंदी भाषी राज्यों में भी उसकी कौम का नाम ब्राहमण है >>>
क्यों और .. कैसे? भौगोलिक क्षेत्र की निश्चित सीमा के बाद मराठा मराठा नहीं है और भौगोलिक क्षेत्र के कुछ स्तर के बाद राजपूत राजपूत नहीं है ..!! सभी बहुजन हैं जिन को ब्रह्माण ने हजारों जातियों में बाँट दिया था ///हमारे और छतरियों के गोत्र  भी मिलते जुलते हैं

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