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Wednesday, October 26, 2011

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<table border="0" style="width: 500px;"><tbody>
<tr> <td colspan="2" style="background-color: lightgreen;">पद्मनाभ मंदिर में 5 लाख करोड़ का खजाना और 'महालक्ष्मी मंदिर में पूजन के लिए 25 करोड़ की संपत्ति रखी' जैसे समाचार से कोई भी व्यक्ति बाध्य हो एकता है कि मंदिर या कोई भी धर्मालय केवल भगवान का निवास स्थान है या इसका अन्य सामाजिक और राजनितिक प्रभाव है

दलित-आदिवासी कल्याण के लिए यूपी की प्रशंसा
Written by Dalitmat
Thursday, 27 October 2011 04:38


कहते हैं आंकड़ें झूठ नहीं बोलते. यही वजह है कि पानी पी-पी कर यूपी सरकार को गरियाने वाली केंद्र की कांग्रेस पार्टी के झूठ की पोल उसी के सरकार के एक रिपोर्ट ने खोल दी है. केंद्र द्वारा एक रिपोर्ट जारी किया है जिसमें दलित और आदिवासी कल्याण के क्षेत्र में महत्वपूर्ण काम करने के लिए यूपी की मुख्यमंत्री मायावती की प्रशंसा की गई है. योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया और केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश द्वारा जारी मानव कल्याण रिपोर्ट में यह बात कही गई है.




Kiritkumar Pravasi
Nilakshi Singh
आखिर हिन्दू कौन है ???? क्या इण्डिया के दलित, आदिवासी और पिछड़े (नाईं,नोनिया, नट, कुम्हार, बढई, लुहार, धानक, काछी, कहार, पाल, अहीर, जाट, गूजर,वाल्मीकि, चमार, खटिक, पासी,लोधी, भर, बघेल, तेली, तमोली, कुर्मी, कोइरी, कहार, किरार आदि) हिन्दू हैँ ? यदि हाँ - तो आज तक हिन्दू अल्पसंख्यक (15 % हिन्दू आबादी) ने दलित, आदिवासी और पिछड़ों के साथ रोटी-बेटी के सम्बन्ध क्यों नहीं किये ?? देश के धन-धरती, शासन-प्रशासन और न्यायपालिका में इनको जनसंख्या के बराबर भागीदारी क्यों नहीं मिली ?? आज तक इनके मौलिक, मानवीय अधिकार क्यों नहीं बहाल हुए ?? इसका मतलब- दलित, आदिवासी और पिछड़े हिन्दू नहीं बल्कि हिन्दू मानसिकता के गुलाम है. Courtesy : Anoop Patel</td> </tr>
<tr> <td colspan="2" style="background-color: orange; text-align: center;">
JAI BHIM JAI BHARAT</td> </tr>
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