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Sunday, September 4, 2011

corruption

Kamal Sagar 5:39pm Sep 4

कमल सागर /यदि आप सोचते हैं, कि भ्रस्टाचार अन्ना के लोकपाल से रिश्वत लेना देना बंद हो जाएगी, तो ये आपकी भूल होगी, हमारे संविधान में लोकायुक्त पहले से ही है, ऊपर से और २०० आदमी का मलाईदार पद सृजित करदो, इसका बोझ किस पर पड़ेगा, आप और हम पर चलो मान लेते हैं, कि अन्ना का लोकपाल लागू हो गया तो मरेगा कौन ?.....मै और तुम, कैसे शायद आपको पता नहीं है, इस देश में ७०% लोग छोटी -छोटी दुकाने, बिना लाइसेंस के गली मोहल्लों घरों में व पटरी की दुकाने हैं, वे इन्ही दुकानों से अपना परिवार पालते है, तथा उन्ही दुकानों से, मै और आप, सामान व रोजमर्रा वस्तुयें खरीदते हैं, तथा ३०% लाइसेंस मार्केट वाली दुकाने व माल्स है, आप क्या सोचते ये छोटी या पटरी वाली दुकानें क्या बिना रिश्वत के चलती हैं, नहीं इनसे पुलिस व नगर निगम वाले मंथली लेते हैं, तभी ये दुकाने चलती है, यदि अन्ना के लोकपाल के डर से मंथली लेना/देना बंद करदी, तो क्या पुलिस व नगर निगम वाले इनको बैठने देंगे?.....बिलकुल नहीं बैठने देंगे, अरे आप अब भी नहीं समझे हम70 % गरीब लोगों की रोज़ी रोटी बर्बाद करने की साजिश रची जा रही है,और कौन कर रहा है, मै बताता हूँ देश के अमीर उद्योग पतियों ने लाखों करोड़ रुपया हरेक शहर मे बड़ी -बड़ी माल्स बनाने में लगा दिया है, तो अब उनको खरीददार नहीं मिल रहे हैं, तथा जिन्होंने दुकाने खरीद ली हैं, तो उन्हें ग्राहक नहीं मिल रहे हैं, सीधीसी बात है, हम मिड्डल/लोअर क्लास को (यानि आप और मै) पांच रूपये की चाय व खाना पचास रुपये मे, इन छोटी दुकानों मे मिल जायेगा, तो क्या हमें पागल कुत्ते ने काटा है, जो हम पचास रुपये की चाय, तथा पांचसौ रुपये में खाना लेने माल या बड़ी दुकान/रेस्टोरेंट मे जायेंगे, जब तीन सौ रु. मे एक कमीज/टीशर्ट इन दुकानों मे मिल रही है, तो हम तीन हजार की माल से क्यों खरीदेंगे, तथा हमारी औकात भी नहीं है, इन अमीरों का हजारों करोड़ रुपया फस गया है,तो इसे निकालने का हथकंडा अपना रहे हैं, जब सीलिंग से बात नहीं बनी, तो उन अमीरों ने कांग्रेस व भाजपा ने मिलकर अन्ना को मोहरा बनाकर खड़ा कर दिया,एक तीर से तीन निशाने साधे, एक तो बाबा रामदेव का मुद्दा ब्लैक मनी लाने बाला, दूसरा मीडिया से अन्ना-अन्ना चिल्लवा कर जनता ध्यान हटा कर सोनिया गाँधी के पीछे-पीछे विदेश जाकर स्विस बैंक का सारा रुपया ठिकाने लगाना, तीसरा ये कि उद्योग पतियों की मदद करके हम गरीबों को बर्बाद करके राहुल गाँधी को अन्ना के लोकपाल बिल को मान कर जनता बीच हीरो बनाकर पेश करेंगे, तब अन्ना भी कांग्रेस के साथ खड़े होकर कहेंगे, कि राहुल गाँधी ने मेरे लोकपाल बिल की शर्तों को मान लिया है, अब ये ही प्रधान मंत्री होंगे इनको वोट डालो, ये आपको गरीबी रिश्वत खोरी व जिंदगी से आज़ादी देंगे, अगर अन्ना का लोकपाल लागू हुआ, तो दोस्तों ये याद रख्खो बर्बाद हमें ही होना है, अगर अन्ना ने सच्चे भक्त होते तो ये मांग करनी चाहिए थी, देश में सब तरह की शिक्षा मुफ्त होनी चाहिए, शिक्षा का बाजारी करण बंद होना चाहिए, देश में एक भी निजी स्कूल और कॉलेज नहीं होने चाहिए, शिक्षा से सबको अपने अधिकारों का मालूम होगा, जब साक्षरता दर बढ़ेगी भ्रस्टाचार अपने आप ख़त्म हो जायेगा, इसके लिए मेरा लेख पढ़िए. जब तक देश मे शिक्षा का बाजारी करण रहेगा भ्रस्टाचार नहीं मिट सकता, अगर एक मोटर साईकल वाला अगर जाम लगने पर पटरी पर चड़कर जायेगा, तो सारे मोटर साईकल वाले भेड़ की तरह उसके पीछे हो लेंगे,वैसे ही आप भी अन्ना के पीछे भाग रहे हैं, अन्ना एक देश द्रोही है, अन्ना के पास कोई जादू की छड़ी नहीं है, जो घुमायेगा और भ्रस्टाचार चार ख़तम हो जायेगा, अगर अन्ना सच्चा है, तो बाबा राम देव के ब्लैक मनी लाने के मुद्दे को एक बार भी नहीं बोला, जानते हो क्यों की अन्ना कांग्रेस का एक मोहरा है, सिर्फ बाबा राम देव के मुद्दे ब्लैक मनी वाले को दवाने के लिए ड्रामा किया है, सोनिया गाँधी आप क्या समझते हैं, इलाज कराने गयी है, नहीं वो स्विस बैंक वाले धन को ठिकाने लगाने गयी है, स्विस बैंक जाकर देख लेना तारीख २३.०८.२०११. को ३५ लाख करोड़ रुपये का भिबिन्न खातों मैं ट्रांसफर हुआ है, ये सिर्फ स्विस बैंक के रुपये को ठिकाने लगाने के लिए समय चाहिए था,वो अन्ना ने दिलवा दिया, और मैं ये भी बता देता की अब क्या होगा, राहुल गाँधी किसी हीरो की तरह आयेंगे और सारी शर्तें मान लेंगे,फिर कांग्रेस राहुल को प्रधान मंत्री के तौर पर पेश करेगी, ये राजनीती है आपके समझ नहीं आएगी, क्यों कि आप एक हिदुस्तानी भेड़ हो. आप भूल गए क्या कि ये वोही अन्ना है, जिसने नोर्थ इन्डियन को मार कर मुंबई से भगाने, वाले राज ठाकरे को शाबसी दी थी. और कहा था कि तू असली मराठा है, महारास्ट्र की रक्षा करेगा और आप झुन्जुना बजाते रहना जो अन्ना देकर जायेगा अन्ना एक गरीबों को मिटने का महा षड़यंत्र है

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