SUKH PAL DHINGAN

ok

Thursday, February 21, 2013

हमने अपने महापुरषों का साहित्य पढ़ा लेकिन वो ज्ञान व्यर्थ गया क्योंकि संविधान लागु होने के 64 वर्ष बाद भी मनु द्वारा दी गई उप-जाती पर हमें इतना प्यार और घमंड है की हम भारी से भारी नुक्सान उठाने को तैयार है ////BAHUJAN BANO........JAI BHIM


हमने अपने महापुरषों का साहित्य पढ़ा लेकिन वो ज्ञान व्यर्थ गया क्योंकि संविधान लागु होने के 64 वर्ष बाद भी मनु द्वारा दी गई उप-जाती पर हमें इतना प्यार और घमंड है की हम भारी से भारी नुक्सान उठाने को तैयार है ////BAHUJAN BANO........JAI BHIM

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