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Sunday, January 1, 2012

हमारी कोम  के   दील दीमाक और खून में  महा ऋषी वाल्मीकी जी घुश चुके हैं इस वजह से सदस्य बार -बार जय बाल्मीकी पोस्ट  करते हैं///सचीन बाल्मीकी जी बार बार    महा ऋषी वाल्मीकी जी फोटो पोस्ट करते हैं /// शानू जी नाराज हो जाती हैं /////१ लाख बाल्मीकी पंचकुइया न्यू दील्ली   में 1940 से रहते थे///उनको  महा ऋषी वाल्मीकी जी  के चुंगल से नीकाल कर अम्बेडकरवादी बनाने के   लीये एस पी राय ओफीसर, वकील वीजय और वीशव प्रशीद लेखक  भगवान् दास (कीताब "में भंगी हूँ " के लेखक) २० साल ख़राब कीये और नीराश होकर चले गए ////उनके जाने के बाद १ लाख बाल्मीकी पंचकुइया  वालों को मेने समझाया ३० साल  तक फ़ीर मेने भी हार मान ली ///मेरा तजुर्बा ये है की अब ये कोम   महा ऋषी वाल्मीकी जी को नहीं छोड़ेगी////आगे भी लोग समझाने आयेंगे  और नीराश होकार लौट जायेंगे////बाबा साहेब आंबेडकर और   महा ऋषी वाल्मीकी जी दोनों को एक साथ मान ने से कोई लाभ नहीं होगा //// नीर्न्य आप को लेना है  की बाबा साहेब आंबेडकर और   महा ऋषी वाल्मीकी जी  में से कीस को  छोड़ना /// 

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