मनुस्मिरिती दहन के दिन कट्टर हिन्दू ब्राहमणों ने बहुत कोशिश की और कई अड़चन भी डाली (१) डॉ आंबेडकर को सभा के लिए जगह ही न दी जाये ताकि मनुस्मिरिती न जला पायें (२) हिन्दू ब्राह्मणों ने इस सभा में शामिल लोगों को अपनी दूकान से खाने-पीने का सामान भी नहीं बेचा ///लेकिन एक सज्जन मुस्लिम भाई फ्हत्ते खान ने अपनी खुद की जगह मनुस्मिरिती दहन के लिए दी थी ///खाने पीने का सामान हमारे भाइयों ने दूर से ख़रीदा था///
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